Buddha Purnima 2022: पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान श्रीकृष्ण के सबसे अच्छे मित्र और सहपाठी सुदामा जब द्वारका में श्रीकृष्ण (Shree Krishna) से मिलने आए, तो श्रीकृष्ण ने उन्हें इस व्रत के महत्व के बारे में बताया।
Buddha Purnima 2022: हिंदू धर्म में पूर्णिमा का विशेष महत्व है। वैशाख पूर्णिमा का पावन पर्व वैशाख मास की अंतिम तिथि को मनाया जाता है। पौराणिक कथाओं के मुताबिक, भगवान श्रीकृष्ण (Lord Krishna’s) के सबसे अच्छे मित्र और सहपाठी सुदामा जब द्वारका में श्रीकृष्ण से मिलने आए, तो भगवान ने उन्हें इस व्रत का महत्व बताया। इस व्रत के प्रभाव से सुदामा की दरिद्रता का नाश हुआ। ऐसा माना जाता है कि इस दिन बौद्ध धर्म के संस्थापक महात्मा बुद्ध का जन्म हुआ था, इसलिए इसे बुद्ध पूर्णिमा (Buddha Purnima) कहा जाता है। स्कंद पुराण के मुताबिक महात्मा बुद्ध (Mahatma Buddha) भगवान विष्णु के नौवें अवतार थे।
कब है वैशाख (Vaishakh) या बुद्ध पूर्णिमा?
हिंदू कैलेंडर के अनुसार वैशाख पूर्णिमा 16 मई 2022, सोमवार को है। ध्यान रहे कि बिना चंद्र ग्रहण के पूर्णिमा व्रत पूर्ण नहीं माना जाता है। इस दिन चंद्रमा के दर्शन करने से चंद्र देव की कृपा प्राप्त होती है।
वैशाख पूर्णिमा शुभ मुहूर्त
वैशाख पूर्णिमा 15 मई को दोपहर 12:45 बजे से शुरू होकर 16 मई को रात 09:45 बजे समाप्त होगी।
वैशाख पूर्णिमा का महत्व
वैशाख पूर्णिमा को सभी तिथियों में सर्वश्रेष्ठ माना जाता है। माना जाता है कि इस दिन पवित्र नदी में स्नान – दान करने से कष्टों से मुक्ति मिलती है। वैशाख पूर्णिमा का बौद्ध धर्म में भी विशेष महत्व है। इस दिन महात्मा बुद्ध (Mahatma Buddha) की पूजा की जाती है।
वर्ष का पहला (lunar eclipse) चंद्र ग्रहण
साल का पहला चंद्र ग्रहण (lunar eclipse) 16 मई को बुद्ध या वैशाख पूर्णिमा के दिन लगेगा। यह पूर्ण चंद्रग्रहण होगा। भारतीय समय के मुताबिक इस चंद्र ग्रहण (lunar eclipse) की अवधि 16 मई की सुबह 08:59 से सुबह 10 बजकर 23 मिनट तक रहेगी। भारत में यह चंद्र ग्रहण नहीं दिखेगा।
भारत में कोई सूतक काल नहीं
भारत में 2022 का पहला चंद्र ग्रहण नहीं दिखेगा। जिससे सूतक काल देश में मान्य नहीं होगा।
कहां लगेगा वर्ष का पहला चंद्र ग्रहण-
साल 2022 का पहला पूर्ण चंद्र ग्रहण दक्षिण-पश्चिमी यूरोप, एशिया, अफ्रीका, उत्तरी अमेरिका, दक्षिण अमेरिका, प्रशांत महासागर, हिंद महासागर में दिखाई देगा।