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Chanakya Niti: जरूर माननी चाहिए विद्यार्थियों को चाणक्य की ये बात, मिलेगी सफलता

Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य ने अपनी नीतियों में जीवन के हर पहलू को विस्तार से समझाया है। उन्होंने अपनी नीति में कई ऐसी बातें बताई हैं, जिन्हें अपनाकर किसी भी समस्या से बाहर निकला जा सकता हैं। आचार्य चाणक्य की नीतियां और विचार भले ही आपको थोड़े कठोर लगे, लेकिन यही कठोरता जीवन का सत्य है। भागदौड़ भरी जिंदगी में भले ही आप इन विचारों को नजरअंदाज कर दें, लेकिन ये शब्द जीवन की हर परीक्षा में आपकी मदद करेंगे।

आज हम आचार्य चाणक्य (Acharya Chanakya) के इन्हीं विचारों में से एक और विचार का विश्लेषण करेंगे। आज के विचार में आचार्य चाणक्य ने विद्यार्थी जीवन के बारे में बताया है। आइए जानते हैं।

अनुशासन

चाणक्य नीति (Chanakya Niti) के अनुसार छात्रों का जीवन अनमोल है। साथ ही उन्हें इस बात को अच्छी तरह से समझना चाहिए कि उनके जीवन में अनुशासन का बहुत महत्व है। अनुशासन का पालन करने वाले छात्रों को सफलता पाने के लिए ज्यादा संघर्ष नहीं करना पड़ता है।

बुरी संगत

बुरी संगति से स्टूडेंट्स लाइफ को सबसे अधिक नुकसान होता है। आचार्य चाणक्य के अनुसार छात्रों को हमेशा बुरी संगत से दूर रहना चाहिए। ऐसा इसलिए है क्योंकि गलत कंपनी छात्रों के जीवन पर गलत प्रभाव डाल सकती है। इसलिए छात्रों को अच्छे और सच्चे दोस्त बनाने चाहिए।

आलस्य

आलस्य छात्र जीवन को भी सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाता है। चाणक्य नीति के अनुसार आलस्य छात्रों का सबसे बड़ा शत्रु है। इसलिए छात्रों को इससे दूर रहना चाहिए और अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए कभी भी आलस्य नहीं दिखाना चाहिए।

सभी काम समय पर पूरा करें

चाणक्य नीति कहती है कि किसी भी कार्य को पूरा करने का एक निश्चित समय होता है। इसलिए छात्रों को अपने सभी काम समय पर पूरे करने चाहिए।

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