Chanakya Niti: चाणक्य नीति के मुताबिक, जिसके व्यक्ति पास ये सुख हैं। उसके लिए यह पृथ्वी स्वर्ग के समान है। आइए जानते हैं क्या हैं ये सुख।
Chanakya Niti: चाणक्य नीति में आचार्य चाणक्य ने स्वर्ग की कल्पना करने वालों के लिए कुछ बातें बताई हैं। सभी को इन बातों को जानना चाहिए और उन्हें हासिल करने की कोशिश करनी चाहिए।
आज्ञाकारी पुत्र का होना
चाणक्य नीति के अनुसार जिस पिता की संतान आज्ञाकारी होती है उसके लिए यह धरती ही स्वर्ग है। जिस पिता की संतान उसकी देखभाल करती है। आदर और सम्मान प्रदान करती है। ऐसा पिता बहुत भाग्यशाली होता है। पिता का जीवन खुशियों से भरा होता है। ऐसे पिता का मान-सम्मान भी बढ़ता है। योग्य संतान का सुख स्वर्ग प्राप्ति से कम नहीं है। ऐसे पिता को अपने बच्चे पर गर्व होता है।
सुख-दुख में पति का साथ निभाने वाली पत्नी
चाणक्य नीति के मुताबिक वह इंसान बहुत भाग्यशाली होता है जिसे अपनी पत्नी का पूर्ण साथ मिलता है। चाणक्य के अनुसार पति-पत्नी जीवनरूपी रथ के दो पहिये हैं। पत्नी ही पति को समझती है। विपत्ति के समय परछाई की तरह उसके साथ खड़ी रहती है, उचित मार्गदर्शन देती है और प्रोत्साहन देती है, तो ऐसी पत्नी को योग्य कहा जाता है। जिसके पास योग्य पत्नी है, उसके लिए धरती ही स्वर्ग है। एक कुशल और बुद्धिमान पत्नी अपने पति की सफलता में विशेष भूमिका निभाती है। चाणक्य के अनुसार संकट के समय ही पत्नी की पहचान होती है।
पैसों के मामलों में संतुष्ट रहना
चाणक्य नीति के मुताबिक जिस इंसान के पास संतोष है, उसे दुःख कम होता है। दुख का सबसे बड़ा कारण लालच है। जो इंसान लोभ से दूर रहता है और अपने धन से संतुष्ट रहता है। उसके लिए इस धरती पर स्वर्ग है। पैसे के लालच में लोग अपने सुख-शांति का त्याग कर देते हैं। जिससे जीवन में परेशानियां आती हैं। ये सभी चीजें व्यक्ति के दिमाग को भी प्रभावित करती हैं। जो आगे चलकर उसकी क्षमता और कार्यकुशलता पर भी नकारात्मक प्रभाव डालती हैं।
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