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फिल्म फ्लॉप होने के बाद भी फीस बढ़ाते थे राज कुमार, कैंसर होने पर बोले ये ‘डायलॉग’

फिल्म फ्लॉप होने के बाद भी फीस बढ़ाते थे राज कुमार (Raaj Kumar): एक्टर राज कुमार ट्रिविया अपनी शानदार डायलॉग डिलीवरी और अपने अंदाज के लिए मशहूर राज कुमार हिंदी फिल्म जगत के बड़े स्टार रह चुके हैं। उनके डायलॉग सुनने के लिए फैन्स सिनेमा हॉल में आते थे। इसके साथ ही उनकी खास बात यह थी कि उनकी फिल्म चाहे हिट हो या फ्लॉप, वह हर फिल्म के बाद अपनी फीस बढ़ाते थे।

क्यों बढ़ाई गई फीस?

उस समय इंडस्ट्री में यह आम बात थी कि राजकुमार (Raaj Kumar) की एक बड़ी खासियत यह थी कि वह किसी को अपना नहीं मानते थे। उनका खास अंदाज यह था कि वह हर फिल्म के बाद अपनी फीस बढ़ाते थे। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक एक बार जब उनके सेक्रेटरी ने उनसे इस बारे में पूछा तो उन्होंने अपने अंदाज में कहा कि फिल्म चली या नहीं, मैं फेल नहीं हुआ हूं. वह हर फिल्म के बाद फीस में एक लाख रुपये की बढ़ोतरी करते थे।

यादगार संवाद

राजकुमार के बोले गए डायलॉग आज भी जिंदा हैं। उनके डायलॉग आज भी याद किए जाते हैं। फिल्म सौदागर के संवाद की तरह, “दुनिया मंधारी को जानती है कि जब राजेश्वर दोस्ती निभाते हैं, तो संबद्धताएं लिखी जाती हैं और जब दुश्मनी खेलती है, तो तारीखें बनती हैं।” इसी के साथ फिल्म समय का डायलॉग है, ”चिनॉय सेठ जिसका अपना घर शीशे का है, दूसरों पर पत्थर नहीं फेंकता.”” फिल्म तिरंगा का भला कौन भूल सकता है। वह कहते हैं, “स्वामी, यह हमारे पीने के पाइप में से केवल एक का चमत्कार था, अगर आप हमारे रूमाल को छूते, तो वह जल कर राख हो जाता।”

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक जब राजकुमार से उनके कैंसर के बारे में पूछा गया तो उन्होंने अपने अंदाज में कहा कि हमें और क्या बीमारी हो सकती है। इस बीमारी के कारण 1996 में उनका निधन हो गया।

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