चाणक्य नीति के अनुसार, जिस व्यक्ति का वैवाहिक जीवन तनाव, दुख और कठिनाई से भरा होता है, चाहे वह कितना भी प्रतिभाशाली या प्रभावशाली क्यों न हो, उसके जीवन में हमेशा निराशा और दुख ही रहेगा।
एक खुशहाल वैवाहिक जीवन के लिए पति-पत्नी के बीच तालमेल की आवश्यकता होती है।
आचार्य चाणक्य के अनुसार खुशहाल वैवाहिक जीवन उपहार के समान होता है।
दांपत्य जीवन जितना सुखी होगा, जीवन में परेशानी उतनी ही कम होगी।
विश्वास से पति-पत्नी का रिश्ता मजबूत होता है। दोनों को एक-दूसरे की भावनाओं का पूरा सम्मान करना चाहिए।
चाणक्य नीति के अनुसार प्यार किसी भी रिश्ते की पहली शर्त होती है।
पति-पत्नी का रिश्ता सबसे पवित्र रिश्तों में से एक माना जाता है। इस रिश्ते में झूठ और दिखावे के लिए कोई जगह नहीं है।
इसलिए इससे बचना चाहिए। इस रिश्ते में जितनी ईमानदारी होगी, पति-पत्नी का रिश्ता उतना ही मजबूत होगा।