चाणक्य नीति में आचार्य चाणक्य लिखते हैं कि व्यक्ति को धन संचय करना चाहिए, तभी वह भविष्य में आने वाली परेशानियों से बच सकता है।
चाणक्य नीति के अनुसार, कलियुग में पैसा एक प्रमुख साधन है, जिसके उपयोग से जीवन को सरल और आसान बनाया जा सकता है। वह अपनी चाणक्य नीति में बताते हैं कि संकट के समय जब सभी लोग चले जाते हैं तो पैसा एक सच्चे दोस्त की भूमिका निभाता है, इसलिए धन के उपयोग में विशेष सावधानी बरतनी चाहिए।
चाणक्य नीति के अनुसार कभी भी फालतू की चीजों पर पैसा खर्च नहीं करना चाहिए। जो लोग दूसरों के सामने पैसा दिखाते हैं, अपनी आमदनी से ज्यादा पैसा खर्च करते हैं, वे हमेशा परेशान रहते हैं। ऐसे लोगों के जीवन में सुख-शांति नहीं रहती। लक्ष्मी जी उन लोगों को कभी भी अपना आशीर्वाद नहीं देती हैं जो दिखावा करते हैं और पैसे का सम्मान नहीं करते हैं। पैसा बचाना चाहिए। धन की बचत व्यक्ति को संकटों से बचाती है।